Major Ashish Dhonchak Biography: पूरा देश गम में डूबा हुआ है मेजर आशीष धौंचक 13 सितंबर 2023 को जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में आतंकवादियों के साथ लोहा लेते हुए देश के लिए कुर्बान हो गए हैं इसके बाद देश में शोक की लहर से दौड़ पड़ी है और सभी लोग गम में डूब गए हैं और हर एक भारतीयों को इन पर गर्व है कि इन्होंने भारत माता की रक्षा के लिए अपने प्राण किया होती दिए ताकि भारत माता के ऊपर आंच ना आ सके ऐसे में हर एक भारतीय के मन में मेजर आशीष धौंचक के निजी जीवन के बारे में जानने की उत्सुकता तेजी के साथ बढ़ रही है कि आखिर में मेजर आशीष धौंचक कौन है प्रारंभिक जीवन शिक्षा परिवार सेवा में भर्ती सोशल मीडिया लिंक पत्नी का नाम इत्यादि के बारे में जानना चाहते हैं तो आप आर्टिकल पर बने रहे चलिए जानते हैं-
Major Ashish Dhonchak Biography
नाम | आशीष धौंचक |
जन्म स्थान | बिंझौल, पानीपत |
जन्मतिथि | 23 अक्तूबर 1987 |
पिता | लालचंद |
माता | कमला देवी |
उम्र | 36 |
धर्म | हिन्दू |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
पत्नी | ज्योति |
बेटी | ( वामिका ) |
पेशा | भारतीय सेना में मेजर |
पुरस्कार | सैन्य मेडल |
मृत्यु कब हुआ | 13 सितम्बर 2023 |
शिक्षा | ज्ञात नहीं |
मेजर आशीष धौंचक का प्रारंभिक जीवन
इनका जन्म अक्तूबर 1987 को बिंझौल, पानीपत में हुआ था। इनके पिता का नाम लालचंद है जो पानीपत के एक नेशनल फर्टिलाइजर लिमिटेड में काम किया करते थे और हम आपको बता दे कि परिवार में तीन बहने हैं और इनका कोई भाई नहीं था इकलौते अपने माता-पिता के बेटे थे उनके मृत्यु के बाद उनके घर में गम का माहौल है और सभी लोग शोक में डूबे हुए हैं लेकिन उनके पिता को इस बात का गर्व है कि बेटे ने देश की रक्षा के लिए अपना प्राण निछावर कर दिया।
आशीष धोंचक की शिक्षा
आशीष धोंचक ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा केंद्रीय विद्यालय से की थी। इसके बाद इन्होंने बरवाला के एक कॉलेज में इलेक्ट्रॉनिक सब्जेक्ट में बीटेक की डिग्री प्राप्त की उसके बाद उसी में उन्होंने मटके की डिग्री पूरी कर ली और डिग्री पूरी करने के बाद इन्होंने सेवा में भर्ती होने के एग्जाम SSB की तैयारी शुरू कर दी और फिर से एग्जाम को उन्होंने दिया और पहले ही प्रयास में पास हो गए और इसके बाद सेवा में इनकी पोस्टिंग सबसे पहले लेफ्टिनेंट कर्नल के तौर पर हुई थी।
मेजर आशीष धौंचक का परिवार
पिता का नाम | लालचंद |
माता का नाम | कमला देवी |
बहन का नाम | उनकी तीन बहने , अंजू सुमन और ममता) |
पत्नी का नाम | ज्योति |
बच्चों का नाम | वामिका |
Major Ashish Dhonchak Career
हम आपको बता दे की बचपन से ही इनका सपना सेवा में जाना था क्योंकि कहा जाता है कि बाल अवस्था में या हमेशा पुलिस बना करते थे तभी से उनके मन में देश की सेवा करना है उसकी भावना उत्पन्न हुई थी और बड़े होकर इन्होंने सेवा में जाने के लिए2013 में, वे पहली बार एसएसबी की परीक्षा इन्होंने दिया था जहां पर वह पास हो गए और उसके बाद सेवा में लेफ्टिनेंट बन गए उनकी पहली पोस्टिंग मेरठ में हुई उसके बाद इनका ट्रांसफर कश्मीर में हो गया जहां पर वह अपने पत्नी और बच्चों के साथ रहा करते थे। 12 साल के अपने सेवा के कार्यकाल में उन्होंने कई प्रकार के बहादुर बड़े काम किए थे इनके बहादुर को देखते हुए 15 अगस्त 2023 को भारत के राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू ने इन्हें सेवा का सेवा मेडल भी पुरस्कार के तौर पर दिया था।
आशीष धोंचक मृत्यु):
मेजर आशीष धोंचक 13 सितंबर सन् 2023 को जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले में रिजौरी नाम की जगह पर आतंकवादियों के सर्च ऑपरेशन में इनका मुठभेड़ आतंकवादियों के साथ हुआ जहां पर उन्होंने काफी बहादुर के साथ आतंकवादियों के सामना किया और कई आतंकवादियों को मार भी गिराया हालांकि इस मुठभेड़ में इनको भी अच्छा खासा चोट आया था जिसके कारण उनकी मृत्यु हो गई लेकिन हम आपको बता दे कि उनकी मृत्यु के खबर के बाद पूरे देश में लोगों की आंखें नम हो चुकी थी और उनके ऊपर हर एक भारतीय को गर्व है कि उन्हें भारत माता की रक्षा के लिए अपने प्राण त्याग दिए आज भले ही हमारे बीच में मेजर आशीष धोंचक नहीं है लेकिन उनकी इस मिशन हर एक भारतीय के दिल में हमेशा जीवंत रहेंगे।
Major Ashish Dhonchak Biography के बारे में रोचक जानकारी
- मेजर आशीष धोंचक अपने माता-पिता के इकलौते बैठे थेl
- इनकी शादी 2015 में ज्योति नाम की लड़की के साथ हुआ था और उनकी 5 साल की बेटी भी है
- अपनी बेटी की पढ़ाई के लिए इन्होंने पानीपत के सेक्टर 7 में घर किराए पर लिया थाl
- 2 साल पहले इनका ट्रांसफर जम्मू कश्मीर में हुआ थाl
- पानीपत में अपनी खुद की उन्होंने घर बनाई थी जहां पर 23 अक्टूबर को अपने पत्नी के साथ शिफ्ट होने वाले थेl
- लेकिन उससे पहले ही 13 सितंबर सन् 2023 को इनको जम्मू कश्मीर में हुई आतंकवादी मुठभेड़ में शहीद हो गए।
- 15 अगस्त सन् 2023 को राष्ट्रीयपति द्रौपदी मुर्मू के द्वारा इन्हें बहादुर और वीरता के लिए सेन मेडल भी दिया गया
- 36 साल की उम्र में ही देश की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हो गए।
- इन्होंने सन् 2012 में ही पहले ही प्रयास में एसएसबी परीक्षा को पास कर कर लेफ्टिनेंट कर्नल बने थेl
- ये बचपन से ही बहादुर और सेना के प्रति बेहद लगाव रखते थे।
- इनको बचपन से ही सेना में बहुत रुचि थीl
- मेजर आशीष धोंचक 23 अक्टूबर को अपनी सालगिराह पर अपने नए घर में गृहप्रवेश करने वाले थे लेकिन उससे पहले ही देश के लिए शहीद हो गएl